उज्जैन। भारत एक विशाल जनसंख्या वाला देश है। यहां की तेजी से बढ़ती आबादी संसाधनों, रोजगार और प्रशासनिक व्यवस्था पर निरंतर दबाव बनाती है। इसी चुनौती से निपटने के लिए विभिन्न राज्यों की सरकारों ने समय-समय पर कई नियम बनाए। इन्हीं में से एक है “तीन संतान नियम”, जो विशेष रूप से शासकीय कर्मचारियों पर लागू किया गया है। इस नियम का उद्देश्य जनसंख्या नियंत्रण के साथ-साथ सरकारी सेवा में अनुशासन और जिम्मेदारी की भावना को प्रोत्साहित करना है।
यह है नियम
राज्य सरकार के नियमों के अनुसार कोई भी सरकारी सेवक जिसकी तीसरा संतान 26 जनवरी 2001 के बाद पैदा हुई है, वे सरकारी नौकरी के पात्र नहीं हैं। यदि इस तारीख के बाद तीसरी संतान जन्म लेती है तो सरकारी नौकरी के लिए अपात्र हो जाएंगे।
शासन से धोखाधड़ी के मामले में नपेंगे पटवारी !
जिले की ग्रामीण तहसील में पटवारी जैसे जिम्मेदार पद पर बैठे पटवारी जावेद खान द्वारा तीन संतान मामले में शासन के साथ धोखाधड़ी करने का विषय सामने आया है,जिसमें खान द्वारा परिवार की जानकारी एवं स्वयं की दो से अधिक संतान होने की बात सर्विस बुक के अलावा उच्च अधिकारियों से छुपाते हुए नियम विरुद्ध आज दिनांक तक शासकीय सेवा का लाभ लिया जा रहा है।
मामले में सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा जल्द ही मय प्रमाण विषय को सक्षम अधिकारी के सामने रखने की बात कही गई है।