भ्रष्टाचार के मामले में निलबिंत होकर आराम फरमा रहा कृषि उपज मंडी सचिव, वर्षों से करता आ रहा शासन से धोखाधड़ी।
कृषि उपज मंडी के भ्रष्ट सचिव द्वारा शासन से धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है जिसमें भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित चल रहे सचिव ने शासन को गलत जानकारी देकर गुमराह करते हुए बड़ी धोखाधड़ी की है। उक्त सचिव ने अपात्र होकर शासन से धोखाधड़ी पूर्वक लंबे समय तक सैलरी लेकर शासन को राजस्व की आर्थिक हानि भी पहुंचाई है।
जाने पूरा मामला
कृषि उपज मंडी समिति, देवास के पूर्व सचिव साकेत द्वारा विभाग में अपने तीन संतान होने की जानकारी जानबुझ कर छुपाई गई है। जो कि सीधे तौर पर शासन से धोखाधड़ी को दर्शाता है। साकेत वर्तमान में भ्रष्टाचार के गंभीर विषय में निलंबित चल रहे हैं। लेकिन इसके साथ-साथ उन्होंने शासकीय सेवा नियमों की घोर अवहेलना करते हुए विभाग से अपने तीन संतान होने की वास्तविक जानकारी छिपाई, जो कि सीधे तौर पर सेवा आचरण नियम 1966 की धारा 3(1)(i), 3(1)(ii) एवं 3(1)(iii) का खुला उल्लंघन है।
नियम कहता है कि शासकीय कर्मचारी को सेवा में रहते हुए अपने वैवाहिक व पारिवारिक विवरण पूरी निष्ठा से प्रस्तुत करना होता है, किंतु साकेत ने जानबूझकर इन जानकारियों को छिपाया, जिससे स्पष्ट होता है कि उन्होंने शासन को धोखे में रखा। यह सिर्फ अनियमितता नहीं, बल्कि नैतिक भ्रष्टाचार की भी एक गहरी मिसाल है।
शासन द्वारा लागू नियम
मध्यप्रदेश सरकार ने 10 मार्च 2000 को एक राजपत्रीय परिपत्र जारी किया, जो 26 जनवरी 2001 से लागू हुआ। इसके अनुसार यदि किसी सरकारी कर्मचारी की तीसरी संतान 26 जनवरी 2001 के बाद जन्मी है, तो वह सरकारी सेवा या पद के लिए पात्र नहीं माना जाएगा ।
किसका संरक्षण….
सूत्र बताते हैं कि विभाग के कुछ उच्च अधिकारियों को इस मामले की पूर्ण जानकारी है बावजूद, अब तक न तो कोई विभागीय जांच प्रारंभ की गई है, न ही कोई प्रतिकूल टिप्पणी उनके सेवा रिकॉर्ड में दर्ज की गई है। साकेत की यह असत्य सूचना विभागीय रिकार्ड में आज भी वैसी की वैसी दर्ज है, और अधिकारी खामोश हैं।
क्या यह शासकीय नियमों की खुली धज्जियां उड़ाना नहीं है?
देखा जाए तो नियमानुसार मामले में निष्पक्ष जांच की जाकर निलबिंत सचिव साकेत की तत्काल सेवा समाप्त की जाना न्यायहित में होगा,एवं विगत कई वर्षों से शासन से की गई धोखाधड़ी, राजस्व की हानि के मामले में भी नियमानुसार कार्रवाई होना चाहिए।
सूत्रों के मुताबिक मामले में जागरूक द्वारा जल्द ही उच्च स्तर अधिकारियों को मय प्रमाण शिकायत प्रदान कर निलंबित सचिव साकेत पर नियमानुसार कार्यवाही की मांग की जाएगी।