भ्रामक जानकारी देकर उच्च न्यायलय को गुमराह करने वाले होटल मित्तल रिसोर्ट के भागीदारों पर दर्ज हो सकती है एफ.आई.आर.???

एन.जी.टी मित्तल की याचिका  मामले में जुर्माना व
सजा का आदेश कर सकता है जारी…?

मामला होटल मिटाल द्वारा ग्रीन बेल्ट की भूमि पर अवैध निर्माण से जुडा…

उज्जैन। बीते वर्ष प्रशासन से सांठगांठ कर होटल मित्तल के मालिक विजय उर्फ सिद्धू मित्तल पिता किशनलाल मित्तल, मीना पति विजय आदि के विरुद्ध राष्ट्रीय हरित अभिकरण में वाद दायर किया था, जिसमें प्रशासनिक अमले ने जागरूक की शिकायत पर विस्तृत जाँच कर हरित क्षेत्र में किये अवैध व्यावसायिक निर्माण का सीमांकन कर प्रशासन को रिपोर्ट प्रस्तुत की।
बता दें की मामले में ज़ब प्रशासन कार्यवाही करने मे अक्षम रहा तो याचिकाकर्ता ने राष्ट्रीय हरित अभिकरण (नेशनल ग्रीन ट्रूबनल) में जागरूक के द्वारा प्रस्तुत वाद पर जाँच कमेटी ने पुनः निरिक्षण कर प्रशासनिक जाँच को सही बताते हुए अपनी रिपोर्ट सब्मिट की, जिस पर मामनीय न्यायलय एन.जी.टी. द्वारा उक्त अवैध निर्माण को जमींदोज कर 13 फरवरी को निगमयुक्त को रिपोर्ट सब्मिट करने के आदेश दे दिए।
बोखलाया मित्तल, अब अवैध ईमारत पर भी चलेगा बुलडोजर
एन.जी.टी. के आदेश पर बोखलाया बालक मित्तल विद्वान अधिवक्ता के साथ उच्च न्यायलय से स्टे ले आया, जिसे सुनने का अधिकार न्यायलय को था ही नहीं।
बता दें की राष्ट्रीय हरित अभिकरण (एन.जी.टी.) द्वारा पारित आदेश के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायलय को ही सुनने का अधिकार प्राप्त है। जिसे मंद बुद्धि मित्तल नहीं समझ सका और माननीय उच्च न्यायलय खंड पीठ इंदौर को गुमराह कर झुठी जानकारी प्रस्तुत कर अस्थाई निषेधाज्ञा का आदेश ले आया। जिसके विरुद्ध जागरूक अब F.I.R के लिए न्यायलय में प्रमाण प्रस्तुत करेगा। वहीं मानचित्र के विरुद्ध निर्माण करने पर जागरूक ने नगर पालिका निगम एक्ट के तहत अवैध निर्माण जमींदोज की पृथक से याचिका दायर करेगा।
न्यायलय इन धाराओं में करा सकता है मित्तल पर प्रकारण दर्ज?
होटल मित्तल रिसोर्ट के भागीदारों ने न्यायलय के साथ अपने हितों की पूर्ति के लिए जिस प्रकार षड़यंत्र पूर्वक अस्थाई निषेधाज्ञा प्राप्त की है पर जागरूक अपराराधिक प्रकरण दर्ज कराये जाने की लिए सम्बंधित न्यायलय में अपनी अपील प्रस्तुत करेगा जहाँ सबूतों के आधार पर माननीय न्यायलय झूठे साक्ष्य, कथन, जानकारी आदि प्रस्तुत करने वाले व्यक्ति पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 177 के तहत, दोषी पाए जाने पर छह महीने तक की जेल या जुर्माना या दोनों का आदेश पारित कर सकता है। अगर झूठी जानकारी किसी अपराध से जुड़ी है, तो दो साल तक की जेल मित्तल रिसोर्ट के भागीदारों को हो सकती है?