भोपाल : सोमवार, मार्च 3। विश्व श्रवण दिवस के अवसर पर जिले की सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में श्रवण रोग जांच, परामर्श, उपचार एवं जागरूकता शिविर आयोजित किए गए।जिनमें कानों की देखभाल, सफाई, श्रवण बाधिता की पहचान के सम्बन्ध में जानकारी दी गई।
जिला चिकित्सालय, सिविल अस्पतालों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों,उप स्वास्थ्य केंद्रों, हेल्थ एंड वैलनेस केंद्रों, संजीवनी केंद्रों पर श्रवण जांच एवं परामर्श शिविरों का आयोजन किया गया। जिला जयप्रकाश चिकित्सालय में श्रवण जागरूकता रैली निकाली गई। साथ ही श्रवण संबंधी समस्याओं की स्क्रीनिंग के लिए विशेष शिविर लगाया गया।
शिविर में वरिष्ठ नाक कान गला रोग विशेषज्ञ डॉ. शोभा पटेल द्वारा 63 लोगों की श्रवण जांच की गई। इनमें से 3 लोगों को सर्जरी के लिए चिह्नित किया गया है। जिला शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र में श्रवण बाधित बच्चों की ऑडियोमेट्री एवं बेरा टेस्ट करवाया गया। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में सामुदायिक सहभागिता से जागरूकता रैलियों, कान की सफाई के संबंध में निबंध प्रतियोगिता एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित हुईं।राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत आरबीएसके दल द्वारा स्कूलों में जाकर श्रवण संबंधी परीक्षण एवं परामर्श सत्र आयोजित किए गए। स्वास्थ्य संस्थाओं में आयोजित परामर्श एवं प्रश्नोत्तरी कार्यक्रमों में बताया कि कान में पिन, तेल, पेंसिल, इयरबड जैसी चीज नहीं डालना चाहिए। इससे कान के परदे में संक्रमण होने और पर्दा फटने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कान में दर्द रिसाव या मवाद आने पर, सुनाई ना देने, स्पष्ट सुनाई देने पर चिकित्सक अथवा स्वास्थ संस्था में परामर्श लेना चाहिए। श्रवण संबंधी समस्या उपचार में चिकित्सकीय इंटरवेंशन, हियरिंग एड सर्जिकल सेवाएं प्रदान की जाती हैं। एसएनसीयू से डिस्चार्ज सभी बच्चों विशेषकर ऐसे बच्चे जिनको जन्म के तुरंत बाद पीलिया (एनएनएचबी) हुआ हो, उनकी श्रवणबाधिता हेतु स्क्रीनिंग आवश्यक रूप से की जा रही है। यह स्क्रीनिंग जिला शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र में नि:शुल्क की जाती है। आरबीएसके दल द्वारा फील्ड स्तर से बच्चों में बीमारियों की पहचान करके जिला शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र में भेजा जाता है। बाल श्रवण योजना के तहत जन्मजात मूक बधिर बच्चों को प्रदेश एवं देश के विख्यात चिकित्सालय में नि:शुल्क एवं गुणवत्तापूर्ण उपचार करवाया जाता है।